
⚠️ जल्दी नहीं देती part kyunki यहाँ se ना to readers ka सपोर्ट milta hai kuch को chhoda kar,, aur ना hi kuch बोलने par उन्हें frk पड़ता hai,, जब सामने se interest nahi to mai khud ke पढ़ने ke liye जल्दी upload nahi करती sorry जिन्हे bura...
दिन से शाम हो गई और शाम से रात, रात को सभी कोई साथ में खाकर, सब कोई शांति से कमरे में सो रहे थे। अभी रात के दो बज रहे थे। शिव और अनु भी सुकून से एक दूसरे से लिपटे हुए सो रहे थे। शिव का एक हाथ अनु की कमर पर था तो दूसरा अनु के सिर के नीचे, और उसका मुँह अनु की गर्दन घुसाए सो रहा था, लेकिन इस तरह उसे लेकर सोने से उसके सुबह के नाराजगी में थोड़ा सा भी बदलवा नहीं हुआ था। वो तो सुकून से सोने के लिए उसे खुद से चिपकाने ही पड़ते थे।

Write a comment ...