
“ यह मेरे होठों से अभी भी बहुत दूर है …”
पारो अभी भी उससे इतनी दूर थी की, उसके मुट्ठी में भरे हुए स्तन अर्जुन के मुंह के पास नहीं पहुंच सकते थे,,शायद अर्जुन चाहता था कि वह आगे और सरक कर उसके मुंह में निप्पल रखें,,

“ यह मेरे होठों से अभी भी बहुत दूर है …”
पारो अभी भी उससे इतनी दूर थी की, उसके मुट्ठी में भरे हुए स्तन अर्जुन के मुंह के पास नहीं पहुंच सकते थे,,शायद अर्जुन चाहता था कि वह आगे और सरक कर उसके मुंह में निप्पल रखें,,
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