
अनु की नींद अपने शरीर के अंदर हो रहे भूकंप से खुला, वह अचानक झटके से अपनी आंखे खोली और भागते हुए बाथरूम में गई, उसने बीन रुके उल्टी पर उल्टी करने लगीं। जैसे लगातार खींच कर निकाल रहा हो जबरजस्ती । उसे लगने लगा था कि आज उसकी आतड़िया भी निकल जायेगी। पूरा जान निकाल कर वह उल्टी करी और थकते हुए दीवार से सट कर जमीन पर बैठ कर सांसे को काबू करने लगीं।
कुछ देर तक बैठी और अपने आँसू और साँसों को ठीक करी फिर बाथरूम साफ़ करने लगीं। वो कर वह ख़ुद को आइने में देखी ।



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