
सुबह के समय एक छोटे से मिट्टी के घर में एक छोटा शरीर वाली लड़की सुकून से आंखें बंद किए सपनों की लोक में गोते लगाते हुए सुकून से सोई हुई थी,बाहर की सुबह की उजाला, छोटी सी खिड़की से उसके कमरे मे भी छन कर जा रही जिससे उसका सोया हुआ शरीर साफ दिख रहा,
उसकी कमर पर से कॉटन की पतली हल्की फीके हरे रंग की साड़ी लापरवाही से सोने के कारण हट गयी थी, जिससे उसकी दूध जैसे गोरी पतली कमर को साफ दिख रही,, उसकी गोल अंदर में घुसी हुई नाभि भी दिख रही, वही नीचे उसके टाकने को भी दिख रहे, साड़ी ऊपर होने से, जिससे उसके पैरों में पतली पायल के साथ अलता से भरा पर बहुत ही खूबसूरत दिख रहा है किसी खरगोश के पैर जैसे, उसके पतली मगर दूध जैसे मखमली त्वचा को देख कर कोई कह सकता की कीचड़ मे खिली कमल की तरह है।

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