
"आआह .....अह्हह्ह्ह्ह...माआआआ ... द...दर्द... ह्....हो रहा है...जी....आप ऐसे क्यों मसल रहे है.... मुझे... अजीब लग... रहे है..",, पारो जैसे ही अर्जन के ऊँगलियों को अपने nipples पर कुचलता महसूस करी,,वैसे ही जोर से चिल्लाते हुए बोली,,,उसके पुरे शरीर मे नया और अजीब सा मीठा आनन्द आया,,जो बस उसके निप्पल छूने से पुरे शरीर मे हुआ था, लेकिन वो डरते हुए अपने हाथ को उठा कर अर्जुन को रोकने के लिए अपने नाजुक कोमल हाथ को उसके हरकत करते हाथो के ऊपर पकड़ कसी,,

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