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Ch 6 Anu ki Mohit karne wali Mahak Shiv Ko apni aur khincha

"अब से तुम्हारे पति का ही तुम्हारे घर हैं,, यहां सिर्फ़ तुम्हारे माता पिता का घर हैं,,जहां तुम कभी कभार  ही आ पायेगी। इस बात को हमेशा याद रखना। और अपने घर को हर एक चीज़ को ठीक से संभालना और अपनी हर जिम्मेदारी को ठीक से निभाना । वहा हमारी प्रतिष्ठा को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश मत करना"  अनु के पिता कहे थे उससे। उस समय उस मासूम जान की दिल में एक दर्द सा महसूस हुआ था । उनके चेहरे पर आए आंसू और उसके जाने की उदासी वह देखी  थी। उसके पापा ने  उसकी विदाई पर ये सब अपने गले से लगा कर कहे थे। उसके भईया भी बहुत दुखी था,,उसके हमेशा के लिए जाने पर, उन्हें सारे बचपन की याद आ गए थे। उसे गले लगा कर खुद की देखभाल करने के लिए कहा था । जान थी अपने भईया की । जहां दुनिया में पिता और भाई , बेटी और बहन को पराया समझते थे , वही अनु के पिता और भईया अपनी जान समझते थे । फिर चाहे उसे खुल कर भावों को दिखाते नहीं थे। 

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Kaju Thakur

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Kaju Thakur

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