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Ch 8 शिव के कब्जे मे अनु की पतली कमर|अनु के आँसू

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आज अनु का दूसरा दिन था अपने ससुराल में , कमरे में बजते घड़ी की आवाज से, एक ही चादर में लिपटे दो जान की नींद में खलल पड़ी। जिससे अनु कुनमुनाते हुए अपने जगह पर सोई शरीर को नींद में ही सरकाते हुए, अपने बदन से सटे हुए ठाकुर साहब के शरीर से और चिपक जाती है।

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Kaju Thakur

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Kaju Thakur

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