
" इस तरह से नयी बहु अपने ससुराल मे चलती है, तुझे तेरी माँ ने नहीं सिखाया ढंग से चलने के लिए …फूहड़ लड़की " पारो जैसे दौड़ते हुए निचे आयी वैसे ही एक तेज आवाज से उसके हाफ़्ते हुए शरीर को लकवा मार दिया, उसकी सास इतनी जोर से चिल्लायी थी कि बैठक कमरे मे बैठे सभी लोगो का ध्यान उस पर चले गए,,,,और वह बुरी तरह से अपनी जगह पर जमते हुए डर गयी,डर का साया उसके पुरे शरीर में सनसनी की तरह फ़ैल गये, उसकी सास की आवाज से बैठक रूम में मातम की तरह शांति छा गई, वहाँ बैठे महिलाये से लेकर पुरुषो की नज़र चली गयी, कुछ रिश्तेदार की महिलाएं अभी तक थी और कुछ घर के भी,, जो उनकी सुबह भोर में ही हो जाया करती।

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