
अब आगे 👉
सभी के बातें सुनते और दादी जी घर के कुछ नियम बताते दोपहर का समय हो गए थे, जिनके बाद अनु रसोई में जाकर खाना बनाई और अपने ठाकुर साहब के लिए लंच बॉक्स उसके ऑफिस भेज दी ,साधना काकी के पति से। उसका लंच हमेशा वो हीं घर से ही लेकर जाते थे।

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सभी के बातें सुनते और दादी जी घर के कुछ नियम बताते दोपहर का समय हो गए थे, जिनके बाद अनु रसोई में जाकर खाना बनाई और अपने ठाकुर साहब के लिए लंच बॉक्स उसके ऑफिस भेज दी ,साधना काकी के पति से। उसका लंच हमेशा वो हीं घर से ही लेकर जाते थे।
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